23 अप्रैल 1995। लखीमपुर खीरी का वाई.डी. कालेज। मैं शाम को परीक्षा कक्ष में बैठा हुआ था। करीब साढ़े पा... 23 अप्रैल 1995। लखीमपुर खीरी का वाई.डी. कालेज। मैं शाम को परीक्षा कक्ष में बैठा ...
जो बिगड़ेगा नहीं वह क्या खाक बनेगा ! वैसे भी, हम बेहतर इंजीनियर बनाते हैं बढ़िया मनुष्य नहीं। जो बिगड़ेगा नहीं वह क्या खाक बनेगा ! वैसे भी, हम बेहतर इंजीनियर बनाते हैं बढ़िया म...
मौत का बेरहम, इतिहास बदल सकते हो मौत का बेरहम, इतिहास बदल सकते हो
वह किंकर्तव्यविमूढ़ कर उसे देख रहा था, जैसे समझ गया हो कि वह उसका दुःख मिटाने आई है। वह किंकर्तव्यविमूढ़ कर उसे देख रहा था, जैसे समझ गया हो कि वह उसका दुःख मिटाने आई ...
आज हम अपनो के बीच सुरक्षित नही है, अपनो के बीच खुश नही है। आज हम अपनो के बीच सुरक्षित नही है, अपनो के बीच खुश नही है।
प्यार कभी भी किसी को किसी से भी हो सकता है। हालाँकि इसे लड़का लड़की से ज्यादा जोड़कर देखा जाता है पर क्... प्यार कभी भी किसी को किसी से भी हो सकता है। हालाँकि इसे लड़का लड़की से ज्यादा जोड़क...